चचेरे भाई की सरपंची की आड़ मे ठेकेदारी पर उतरा सचिव..

चचेरे भाई की सरपंची की आड़ मे ठेकेदारी पर उतरा सचिव..

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व्यक्तिगत स्वार्थ में खर्च हुए स्टाफ डैम में 25 लाख …?

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इंट्रो-: गोहपारु जनपद के ग्राम पंचायतो में इन दिनों सरकारी कर्मचारी ही ठेकेदारी पर उतर आए हैं इसका ताजा मामला मोहतरा पंचायत में देखने को मिला है जहां पर चचेरे भाई की सरपंची की आड़ में सचिवे केदारी कर रहा है और जिसके पूरी जानकारी जनपद के तमाम जिम्मेदारों को भी है वही जिम्मेदारों को दागदार करता सचिन का कारनामा अब जिले के गरियारों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है।

शहडोल//(जगदीश प्रसाद सेन) // गोहपारू जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहतरा मे पंचायती राज की राशि का जमकर दुरुपयोग हो रहा भ्रष्टाचार का खेल सरपंच के साथ सचिव भाई भी ठेकेदारी पर उतर गए हैं गोहपारू जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहतरा में स्टाप डेंम निर्माण बघर्रा नाला में बनाया गया है जिसका लागत 25  लाख बताई जा रही है निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को ही बनाया गया लेकिन निर्माण कार्य होने के बाद से ही स्टाफ डैम का निर्माण सवालों के घेरे में आने लगा है बताया जा रहा की स्टाफ डैम का निर्माण किसानों का खेत से बहुत दूर कराया गया है  जहां से कोई किसानों को कोई खास लाभ होता नहीं दिखाई दे रहा खेत भी काफी दूर है और वह नाला पहाड़ के चारों ओर से घिरा हुआ है। जहाँ उस पहाड़ के नीचे भारी भारी पत्थर हैं जिसे जे सी बी और पोकलेन मशीन हटाने में नाकाम  रहा वहाँ किसानों के हितार्थ बनकर गलत तरीके से प्रस्ताव पारित किया गया और अधिकारियों से सांठगांठ बना कर पंचायती राज्य बित्त की राशि को बंदरबांट किया जा रहा है

गिट्टी की जगह बोल्डर का प्रयोग…

 प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 25 लाख की लागत से निर्माण स्टाफ डेम में जमकर भ्रष्टाचार की होली खेली गई है और यही नहीं फर्जी बिलों का भी उपयोग किया गया है जानकार बताते हैं कि काली क्रेशर गिट्टी की जगह नीचे ओवर साइज़ के बोल्डर भरे गये हैं और कंक्रीट की भुरभुरा दार मसाला का उपयोग किया गया है उसी नदी की रेत जो घटिया किस्म की लगाया गया है।

क्या सबकी साझेदारी है तय…?

स्टाप डेंम निर्माण जिस जगह किया गया है वहाँ गाँव बस्ती बिजली नहीं है बल्कि चारों ओर से पहाड़ और जंगल से घिरा हुआ है। हम आपको बीडियो और फोटो के माध्यम से प्रमाण के लिए दिखा रहे हैं। बताया जाता है कि आज का आसपास किसने की भूमि भी नहीं है बल्कि शासकीय भूमि ज्यादातर मात्रा में है अब ऐसी जगह पर एक सचिन की ठेकेदारी पर निर्माण कार्य कहीं ना कहीं वरिष्ठ अधिकारियों की भी साझेदारी की और इशारा कर रहा है ? 

जांच मे खुलेंगे राज…

 ग्रामीणों का मानना है कि मामले की गंभीरता से जांच कराया जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग अलग हो सकता है तकनीकी रूप से किसी अन्य बिभाग के उच्च अधिकारी से जांच कराई जाए। सबसे पहले तो निर्माण कार्य का कोर कटिंग की जांच मैटेरियल की गुणवत्ता बिल की जांच हाज़िरी की जांच के साथ साथ उपयुक्त और अनपयुक्त जगह की जांच हो बताया जाता है कि भले ही मोहतरा ग्राम पंचायत अंतर्गत है लेकिन ग्राम पंचायत से करीव 3 किलोमीटर दूर पहाड़ के नींचे निर्माण कार्य कराया गया है जहाँ जांच अधिकारी को भी उस जगह तक पहुँच के लिए सोचना पड़ेगा  ।

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