बरेली सचिव के इशारे पर मोहतरा पंचायत का विकास या बड़ा भ्रष्टाचार
अन्य निर्माण कार्य में भी बड़ा झोल – झाल, जांच की उठी मांग
इंट्रो:- गोहपारु जनपद पंचायत में इन दिनों मोहतरा पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार की चर्चा तेजी से हो रही है लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है कि इस पूरे पंचायत में बरेली सचिव का नाम खुलकर आ रहा है सीधे तौर पर यह कहना गलत नहीं होगा कि बरेली सचिव शंकर सिंह मोहतरा पंचायत में भ्रष्टाचार की नई गाथा लिख रहे हैं जिसे मोहतरा के जिम्मेदार सहर्ष स्वीकार भी कर रहे हैं जिसकी जांच हुई तो नित नए दफन राज खुल जाएंगे।
-शहडोल//(जगदीश सेन) त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के परिकल्पना शायद अब धूमिल होती जा रही है क्योंकि जिन जिम्मेदारों को पंचायत विकास का जिम्मा है जब वही निजी हितों के लिए पंचायत विकास को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दे तो उसे समय को ही दोस्त देने लायक होगा जब पंचायत विकास की परिकल्पना के बारे में सोचा गया होगा और लागू किया गया होगा क्योंकि भ्रष्टाचार करने की आदत में आए हुए कर्मचारी मैं तो कोई सुधार होने से रहा बल्कि उन आवाजों को भी धीरे-धीरे दफन करने का प्रयास किया जाने लगेगा जो भ्रष्टाचार के लिए मुंह खोले जाएंगे फिलहाल हम बात कर रहे हैं गोहपारु जनपद के मोहतरा पंचायत की जहां कई लाखों की कीमत से बना स्टाफ डैम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया यही नहीं पड़ोसी गांव का सचिव भी इस मामले में हिस्सेदारी करने आ गया यह हम नहीं कह रहे हैं मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन के पोर्टल पर दर्ज हुई है।
यह हुई शिकायत..
मिली शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत मोहतरा के बघर्रा नाला में 25 लाख की लागत से स्टाफ डैम का निर्माण होना था जिसका निर्माण तो हुआ लेकिन निर्माण के समय से ही स्टाफ दे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि पूरे मामले में पड़ोसी गांव के सचिव शंकर सिंह के नाम का भी उल्लेख किया गया है बल्कि यहां तक शिकायत में उल्लेख है कि पूरे भ्रष्टाचार की जड़ सचिव शंकर सिंह है पूरे मामले की शिकायतकर्ता ने टीम बनाकर जांच की मांग की है।
अन्य मामलों पर भी है भ्रष्टाचार…
जानकार बताते हैं कि यही नहीं पंचायत के अन्य मामलों व निर्माण कार्यों में भी व्यापक रूप से भ्रष्टाचार हुए हैं दबी जुबान तो लोगों का यह भी कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा काम सामग्री लगाकर वेंडर के साथ साठगांठ किया जाता है और साथ ही बिल ज्यादा बढ़कर अधिक से अधिक राशि का भुगतान भिंडर के खाते में होने के पश्चात पूरी राशि का बंदरबांट कर लिया जाता है हालांकि यह पूरा मामला जांच का है लेकिन पूरी जांच हुई तो इस बात का खुलासा जरूर हो जाएगा की कौन-कौन जिम्मेदार है जो कुर्सी पर बैठकर मलाई छान रहे हैं।
(संबंधित मामले तत्वों की जानकारी के लिए सब इंजीनियर सुभाष जी के मोबाइल पर संपर्क साधने पर फोन नहीं उठा)