जर्जर भवन मामले में कलेक्टर सख्त, 2 दिन में मांगा जांच कर प्रतिवेदन
सिंगरौली । जर्जर भवनों के गिरने से होनी वाली अप्रिय दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने कड़े कदम उठाएं गये है। कलेक्टर ने समय सीमा बैठक के दौरान जर्जर भवनों की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारियो को इस आशय के निर्देश दिये कि कोई भी शासकीय, अशासकीय विद्यालय, आंगनवाड़ी केन्द्र, महाविद्यालय का संचालन जर्जर भवनों में संचालित न हो।
कलेक्टर यह भी निर्देशित किया कि विभागीय कार्यालय, पंचायत भवन एवं हॉस्टलों की इमारत की स्थिति की जांच कर पुरानी एवं जर्जर अवस्था की हालत में होने वाले इमारतों को चिन्हित किया जाए। जहां इमारते मरम्मत योग्य हो उनकी तत्काल मरम्मत करवाई जाए। जहां भवन अत्यंत जर्जर अवस्था में है मरम्मत कराने योग्य नही है उन्हें ध्वस्त कराये जाने की कार्यवाही करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें की इन भवनों को किसी भी स्थिति में उपयोग न किया जाये। बैठक में ही जिलाधिकारियों का दल गठित कर अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित जर्जर भवनों की जाँच कर दो दिवस में जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये।
कलेक्टर ने इस आशय के भी जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर मकान पाये जाते है। उनके भी गिरने से जन एवं पशु हानि की संभावना बनी रहती है। ऐसे मकानों का अपने स्तर से सर्वे कराकर जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। ताकि होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। कलेक्टर ने प्राकृतिक प्रकोपो से होने वाली जन हानि, पशु हानि, फसल हानि से प्रभावित जनों के प्रकरणों का समाधान तीन दिवस में पूर्ण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है !
गोपद पुलिया को लेकर कलेक्टर सख्त
कलेक्टर ने गोपद पुल की समीक्षा करते हुये एमपीआरडीसी के अधिकारिकायों को निर्देशित किया कि अभी तत्कालीन वर्षा जो दो दिवस पूर्व हुई थी। आवागमन में अत्यन्त कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, आवागमन को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु गोपद पुल निर्माण का जो भी कार्य शेष है उसे शीघ्र पूर्ण कराये। अन्यथा की स्थिति में संबंधित विभाग के विरूद्ध ठोस कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने बैठक के दौरान सवारी बसो से होने वाली दुर्घटनाओं के रोकथाम के लिए जिला परिवहन अधिकारी को इस आशय के निर्देश दिये कि चेकिंग लगाकर बसो की स्थिति की जाँच करें।