मुख्यालय में में 10 लाख के फर्जी मेडिकल बिल पास

MP desk: मध्य प्रदेश में इन दिनों पुलिस पर भ्रष्टाचार का यह दूसरा बड़ा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस पर भ्रष्टाचार से जुड़े होने का सीधा संबंध दिखाता है ग्वालियर का हवाला कांड अभी संत हुआ नहीं था कि एमपी के भोपाल मुख्याल से 10 लाख के फर्जी मेडिकल बिल पास होने की खबर सामने आई है हालांकि पूरे मामले का खुलासा डीएसपी रैंक के अधिकारी की शिकायत पर सामने आया है जिस पर दस्तावेज जप्त कर जांच की जा रही हैं।
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय (Madhya Pradesh Police Headquarter) से एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां तैनात तीन पुलिसकर्मियों ने फर्जी मेडिकल बिल बनाकर विभाग से करीब 10 लाख रुपये का भुगतान करा लिया।
डीएसपी ओ.पी. मिश्र की शिकायत पर आरोपियों हर्ष, नीरज और राजपाल ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया गया है। तीनों पुलिस मुख्यालय में कैशियर पद पर पदस्थ थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यालय में तैनात पुलिसकर्मी आरोपियों के नाम हर्ष, नीरज और राजपाल ठाकुर हैं। तीनों पुलिस मुख्यालय में कैशियर पद पर कार्यरत थे। जांच के दौरान पता चला कि तीनों ने आपसी मिलीभगत से तीन अलग-अलग व्यक्तियों के नाम पर फर्जी इलाज के बिल तैयार किए गए और उन्हें विभाग से पास कराकर करीब 10 लाख रुपए का भुगतान लिया गया है।
ऐसे हुआ पूरे मामले में खुलासा
मामले का खुलासा तब हुआ जब मेडिकल बिलो की जांच के दौरान कई दस्तावेज संदिग्ध पाए गए। जब अस्पताल से इन इलाजों की पुष्टि की गई तो पता चला कि ऐसे किसी मरीज का रेकॉर्ड वहां मौजूद नहीं है। इसके बाद डीएसपी ओपी मिश्र ने पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की गई और तीन पुलिस जवान के खिलाफ धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े की धाराओं में केस दर्ज कराया गया। जांच में जुटी पुलिस ने दस्तावेज जब्त कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
अन्य जिलों में भी फर्जीवाड़े के लगाए जा रहे कयास..
जानकारी के अनुसार इसी तरह के फर्जी बिल पास कराने के मामले में सिवनी, बालाघाट और झाबुआ जिलों में भी केस दर्ज किए गए है। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। भोपाल पुलिस मुख्यालय में जुड़े धोखाधड़ी में जिसके नाम तैयार बिल पास किया गया है उससे भी पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद जुड़े अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
